Kamar bandhein hue chalne:Ghazal by Insha Allah Khan (in Hindi)

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             ग़ज़ल
कमर बांधे हुए चलने को
     यां सब यार बैठे हैं,
बहुत आगे गए बाक़ी
     जो हैं तैयार बैठे हैं.

ना छेड़ ऐ निकहत ए बाद ए बहारी

     राह लग अपनी,
तुझे  अठखेलियां  सूझी  हैं
     हम बेज़ार बैठे हैं.

तसव्वुर अर्श पर है और
     सर है पाए साक़ी पर,
ग़रज़ कुछ और धुन में
     इस घड़ी मय ख़्वार बैठे हैं.

ये अपनी चाल है उफ़तादगी से
     अब के पहरो तक,
नज़र आया जहां पर
     साया ए दीवार बैठे हैं.

बसान ए नक़्श ए पाए
     रहरवां कोए तमन्ना में,
नहीं उठने की ताक़त
     क्या करें लाचार बैठे हैं.

कहां सब्र व तहम्मुल
     आह नंग व नाम क्या शै है,
यहां रो पीट कर इन सब
     को हम यकबार बैठे हैं.

नजीबों का अजब कुछ
     हाल है इस दौर में यारो,
जहां पूछो यही कहते
     हैं हम बेकार बैठे हैं.

कहीं बोसे की मत जुर्रत
     दिला कर बैठियो उन से,
अभी इस हद को वह
     कैफ़ी नहीं होशियार बैठे हैं.

नई ये वज़ा शरमाने की
     सीखी आज है तुमने,
हमारे पास साहब
     वरना यूं सौ बार बैठे हैं.

भला गर्दिश फ़लक की
     चैन देती है किसे इंशा,
ग़नीमत है कि हम सूरत
     यहां दो चार बैठे हैं.

              इंशा अल्लाह ख़ां 'इंशा'


नोट— इंशा अल्लाह ख़ां के असली दीवान में शेर नंबर 3, 4 और 6 कुछ बदले हुए हैं जो कि आगे दिए गए हैं. लेकिन ऊपर ग़ज़ल में अश‌आर का वही रूप दिया गया है जो लोगों में सदियों से मक़बूल है. ये पता नहीं चलता है कि ये बदलाव खुद इंशा ने किये थे या किसी और ने.

ख़्याल उनका परे है
     अर्श ए आज़म से कहीं साक़ी,
ग़रज़ कुछ और धुन में
     इस घड़ी मय ख़्वार बैठे हैं.

ये अपनी चाल है
     उफ़तादगी से इन दिनों पहरो,
नज़र आया जहां पर
     साया ए दीवार बैठे हैं.

कहीं है सब्र किस को
     आह नंग व नाम क्या शै है,
ग़रज़ रो पीट कर
 इन सब को हम यकबार बैठे हैं.
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मुश्किल अल्फ़ाज़:
     ☆ निकहत --- ख़ुशबू.
     ☆ बाद ए बहारी --- मौसमे बाहर की हवा.
     ☆ बेज़ार --- नाख़ुश, खफा, उकताया हुआ.
     ☆ तसव्वुर --- ख़्याल, कल्पना.
     ☆ अर्श --- आसमान.
     ☆ पाए --- पैर.
     ☆ साक़ी --- शराब पिलाने वाला.
     ☆ ग़रज़ --- मक़सद, उद्देश्य.
     ☆ मयख़्वार --- शराबी, नशे में.
     ☆ उफ़तादगी --- मुसीबत, आफ़त से.
     ☆ पहर --- रात या दिन का चौथाई हिस्सा.
     ☆ बसाने --- मिलते जुलते.
     ☆ नक़्श ए पाए --- पैरों के निशान.
     ☆ रहरवां --- राह में चलने वाले.
     ☆ कुए तमन्ना --- तमन्ना की गलियों में.
     ☆ तहम्मुल --- सहन करना, सहन शक्ति.
     ☆ आह --- दुख या तकलीफ में निकालने वाली आवाज़.
     ☆ नंग --- नंगा, दीन हीन, हैसियत.
     ☆ नाम --- शोहरत.
     ☆ शै --- अहम चीज़.
     ☆ यकबार --- एक बार.
     ☆ नजीबों --- ख़ानदानी, नेक, शरीफ़.
     ☆ बोसे --- चुम्बन.
     ☆ जुर्रत --- हिम्मत, दिलेरी.
     ☆ हद --- सीमा, इंतिहा, आखिर.
     ☆ कैफ़ी --- सुरूर या नशे में.
     ☆ वज़ा --- बनावट, आभा.
     ☆ गर्दिश --- घूमना, हरकत, फेर.
     ☆ फ़लक --- आसमान.
     ☆ अर्श ए आज़म --- सातों आसमान में सब से ऊंचा आसमान.
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