Ulti Ho Gayi Sab Tadbeerein by Meer Taqi Meer :Ghazal (in Hindi)
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ग़ज़ल
उलटी हो गई सब तदबीरें
ऐसे आहूए रम ख़ुर्दा की
स़ुबह़ चमन में उसको कहीं
मीर तकी 'मीर'
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मुश्किल अल्फ़ाज़:
☆ तदबीर --- तरकीब, तरीक़ा, उपाय.
☆ अहदे जवानी --- जवानी का वक़्त.
☆ पीरी --- बुज़ुर्गी, बुढ़ापा.
☆ नाहक --- बेवजह.
☆ तोहमत --- इल्ज़ाम.
☆ मुख़्तारी --- आज़ादी.
☆ अब्स --- यूँ ही.
☆ सरज़द --- गलत काम हो जाना.
☆ वहशत --- पागलपन, जंगलीपन जैसा.
☆ कोस --- एक दूरी (लगभग 3 किमी).
☆ सजदा --- ज़मीन पर सिर टिकाना, सिर झुकाना.
☆ गाम --- क़दम.
☆ काबा --- मुसलमानों के हज करने का तीर्थ स्थान.
☆ क़िब्ला --- काबे की दिशा, नमाज़ का रुख.
☆ ह़रम --- काबे की पवित्र मस्जिद.
☆ अह़राम --- हज के वक़्त का बिनसिला पहनावा.
☆ कूचा --- गली, रास्ता.
☆ बाशिंदा --- रहने वाला, निवासी.
☆ बुर्क़ा --- नक़ाब.
☆ गो --- अगर.
☆ दीदार --- दर्शन.
☆ आम --- सार्वजनिक.
☆ हर्फ़ --- ऐब, नुक़्स, कमी.
☆ पैग़ाम --- संदेश.
☆ आहू --- हिरन.
☆ रम ख़ुर्दा --- भगौड़ा, अस्थिर, चंचल.
☆ सिह़र --- जादू.
☆ ऐजाज़ --- इज़्ज़त, सम्मान.
☆ राम --- पुरसुकून, शांत, सीधा, सही.
☆ चमन --- फुलवारी.
☆ तकलीफ़ --- तंगी, परेशानी.
☆ रुख़ --- चेहरा.
☆ गुल --- फूल.
☆ क़ामत --- क़द, जिस्म की ऊंचाई.
☆ सरु --- साइप्रस नामी एक पेड़.
☆ रिंद --- शराबी.
☆ ओबाश --- बदमाश.
☆ सजूद --- सजदे में, सिर ज़मीन पर रखना.
☆ इमाम --- मज़हबी रहबर, लीडर.
☆ साअद --- हाथ.
☆ सीमीं --- चांदी, चांदी जैसे.
☆ कौल --- बात, वचन.
☆ ख़्याले ख़ाम --- कच्चा ख़्याल, ख़्याल को मोड़ना.
☆ ज़ाया --- बेकार.
☆ साअत --- घड़ी, पल, लम्हा, क्षण.
☆ समाजत --- याचना, चापलूसी, निवेदन.
☆ इस्तिग्ना --- बेरुख़ी, बेनियाज़ी.
☆ जूं जूं --- ज्यों ज्यों.
☆ इबराम --- इसरार करना, ज़ोर देना.
☆ यां --- यहां.
☆ सपेद --- सफ़ेद.
☆ स्याह --- काला.
☆ मयख़ाना --- शराबख़ाना, बार.
☆ जुब्बा --- एक ढीला लिबास.
☆ ख़िरक़ा --- पैबंद लगा कपड़ा, फ़क़ीर का लिबास.
☆ क़श्क़ा --- टीका, तिलक.
☆ दैर --- मंदिर.
☆ तर्क --- त्याग, छोड़ना.
ग़ज़ल
उलटी हो गई सब तदबीरें
कुछ न दवा ने काम किया,
देखा इस बीमारी ए दिल ने
देखा इस बीमारी ए दिल ने
आख़िर काम तमाम किया.
अहदे जवानी रो रो काटा
अहदे जवानी रो रो काटा
पीरी में लीं आँखें मूँद,
यानी रात बहुत थे जागे
यानी रात बहुत थे जागे
स़ुबह़ हुई आराम किया.
नाहक़ हम मजबूरों पर ये
नाहक़ हम मजबूरों पर ये
तोहमत है मुख़्तारी की,
चाहते हैं सो आप करें हैं
चाहते हैं सो आप करें हैं
हमको अबस बदनाम किया.
सरज़द हम से बेअदबी तो
सरज़द हम से बेअदबी तो
वहशत में भी कम ही हुई,
कोसों उस की ओर गए पर
कोसों उस की ओर गए पर
सजदा हर हर गाम किया.
किसका काअबा कैसा क़िब्ला
किसका काअबा कैसा क़िब्ला
कौन ह़रम है क्या अह़राम,
कूचे के उसके बाशिन्दों ने
कूचे के उसके बाशिन्दों ने
सबको यहीं से सलाम किया.
काश अब बुर्क़ा मुंह से उठावे
काश अब बुर्क़ा मुंह से उठावे
वरना फिर क्या ह़ासिल है,
आंख मूंदे पर उन ने गो
आंख मूंदे पर उन ने गो
दीदार को अपने आम किया.
ह़र्फ़ नहीं जां बख़्शी में उसकी
ह़र्फ़ नहीं जां बख़्शी में उसकी
ख़ूबी अपनी क़िस्मत की,
हम से जो पहले कह भेजा
हम से जो पहले कह भेजा
सो मरने का पैग़ाम किया.
ऐसे आहूए रम ख़ुर्दा की
वहशत खोनी मुश्किल थी,
सिह़र किया ऐजाज़ किया जिन
सिह़र किया ऐजाज़ किया जिन
लोगों ने तुझको राम किया.
स़ुबह़ चमन में उसको कहीं
तकलीफ़े हवा ले आयी थी,
रुख़ से गुल को मोल लिया
रुख़ से गुल को मोल लिया
क़ामत से सरु ग़ुलाम किया.
सारे रिन्द ओबाश जहाँ के
सारे रिन्द ओबाश जहाँ के
तुझसे सजूद में रहते हैं,
बाँके टेढ़े तिरछे तीखे सब का
बाँके टेढ़े तिरछे तीखे सब का
तुझको इमाम किया.
साअदे सीमीं दोनों उसके
साअदे सीमीं दोनों उसके
हाथ में लेकर छोड़ दिए,
भूले उसके क़ौलो क़सम पर
भूले उसके क़ौलो क़सम पर
हाय ख़्याले ख़ाम किया.
काम हुए हैं सारे ज़ाया
काम हुए हैं सारे ज़ाया
हर साअत की समाजत से,
इस्तिग़्ना की चौगुनी उन ने
इस्तिग़्ना की चौगुनी उन ने
जूं जूं मैं इबराम किया.
यां के सपेद ओ स्याह में हमको
यां के सपेद ओ स्याह में हमको
दख़ल जो है सो इतना है,
रात को रो-रो स़ुबह़ किया या
दिन को ज्यों त्यों शाम किया.
शेख़ जो है मस्जिद में नंगा
शेख़ जो है मस्जिद में नंगा
रात को था मयख़ाने में,
जुब्बा ख़िरक़ा कुर्ता टोपी
जुब्बा ख़िरक़ा कुर्ता टोपी
मस्ती में इनाम किया.
'मीर' के दीन ओ मज़हब का
'मीर' के दीन ओ मज़हब का
अब पूछते क्या हो उनने तो,
क़श्क़ा खींचा दैर में बैठा
क़श्क़ा खींचा दैर में बैठा
कब का तर्क इस्लाम किया.
मीर तकी 'मीर'
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मुश्किल अल्फ़ाज़:
☆ तदबीर --- तरकीब, तरीक़ा, उपाय.
☆ अहदे जवानी --- जवानी का वक़्त.
☆ पीरी --- बुज़ुर्गी, बुढ़ापा.
☆ नाहक --- बेवजह.
☆ तोहमत --- इल्ज़ाम.
☆ मुख़्तारी --- आज़ादी.
☆ अब्स --- यूँ ही.
☆ सरज़द --- गलत काम हो जाना.
☆ वहशत --- पागलपन, जंगलीपन जैसा.
☆ कोस --- एक दूरी (लगभग 3 किमी).
☆ सजदा --- ज़मीन पर सिर टिकाना, सिर झुकाना.
☆ गाम --- क़दम.
☆ काबा --- मुसलमानों के हज करने का तीर्थ स्थान.
☆ क़िब्ला --- काबे की दिशा, नमाज़ का रुख.
☆ ह़रम --- काबे की पवित्र मस्जिद.
☆ अह़राम --- हज के वक़्त का बिनसिला पहनावा.
☆ कूचा --- गली, रास्ता.
☆ बाशिंदा --- रहने वाला, निवासी.
☆ बुर्क़ा --- नक़ाब.
☆ गो --- अगर.
☆ दीदार --- दर्शन.
☆ आम --- सार्वजनिक.
☆ हर्फ़ --- ऐब, नुक़्स, कमी.
☆ पैग़ाम --- संदेश.
☆ आहू --- हिरन.
☆ रम ख़ुर्दा --- भगौड़ा, अस्थिर, चंचल.
☆ सिह़र --- जादू.
☆ ऐजाज़ --- इज़्ज़त, सम्मान.
☆ राम --- पुरसुकून, शांत, सीधा, सही.
☆ चमन --- फुलवारी.
☆ तकलीफ़ --- तंगी, परेशानी.
☆ रुख़ --- चेहरा.
☆ गुल --- फूल.
☆ क़ामत --- क़द, जिस्म की ऊंचाई.
☆ सरु --- साइप्रस नामी एक पेड़.
☆ रिंद --- शराबी.
☆ ओबाश --- बदमाश.
☆ सजूद --- सजदे में, सिर ज़मीन पर रखना.
☆ इमाम --- मज़हबी रहबर, लीडर.
☆ साअद --- हाथ.
☆ सीमीं --- चांदी, चांदी जैसे.
☆ कौल --- बात, वचन.
☆ ख़्याले ख़ाम --- कच्चा ख़्याल, ख़्याल को मोड़ना.
☆ ज़ाया --- बेकार.
☆ साअत --- घड़ी, पल, लम्हा, क्षण.
☆ समाजत --- याचना, चापलूसी, निवेदन.
☆ इस्तिग्ना --- बेरुख़ी, बेनियाज़ी.
☆ जूं जूं --- ज्यों ज्यों.
☆ इबराम --- इसरार करना, ज़ोर देना.
☆ यां --- यहां.
☆ सपेद --- सफ़ेद.
☆ स्याह --- काला.
☆ मयख़ाना --- शराबख़ाना, बार.
☆ जुब्बा --- एक ढीला लिबास.
☆ ख़िरक़ा --- पैबंद लगा कपड़ा, फ़क़ीर का लिबास.
☆ क़श्क़ा --- टीका, तिलक.
☆ दैर --- मंदिर.
☆ तर्क --- त्याग, छोड़ना.
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